Friday 20 September 2013

पैसे पर हाइकू
...................

जोड़ जोड़ के
पैसा सारा जीवन
लिया बनाय
…….॥
लेकिन पैसा
कैसा मेहनत या
चोरी का पैसा
……॥
मेहनत से पैसा
कमाया उसने ही
जिया जीवन
…….॥
हाय रे पैसा
उफ़ ये पैसा होता
ये कैसा पैसा
……॥
भाई भाई क्यों
लड़ते हैं, इसकी
खातिर क्यों
.….॥
भूल भाल के
रिश्ते नाते इसको
गले लगाये
.….॥
हाँ जरूरी ये
पैसा, नहीं जरूरी
पर इतना

3 comments:

विभा रानी श्रीवास्तव said...

शुभप्रभात बेटे
कोशिश अच्छी है
हाइकु और अच्छे होने चाहिए
शुभ दिन

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत खूब,बहुत ही सुंदर हाइकू !

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सुनीता अग्रवाल "नेह" said...

wahh vikram ji kosis karne par nishchit safalta milti hai ..or haiku ek aisi vidha hai jiska nasha tagda hota hai .. :) kuchh sudhar ki aawsyakta hai kuchh dino me ho jayega wo bhi .. :) shubhkamnaye